छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले के भैयाथान ब्लॉक के बेलगाम आर आई और पटवारी न्यायालय आदेश का कर रहे अबहेलना

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सूरजपुर विपिन चौधरी– भैयाथान तहसील कार्यालय से एक अजीबोगरीब मामला प्रकाश में आया है सभी को मालूम है कि राजस्व विभाग में सबसे ज्यादा भस्टाचार, रिस्वत, किसानों को बेवजह कर्मचारियों के द्वारा सोसन किया जाता है,जानकारी के अनुसार तहसीलदार भैयाथान ने कई किसानों का सीमांकन ,,भूमि नपाई के लिये राजस्व निरीक्षक लक्ष्मि खलखो सहित कई पटवारियों, को आदेश किया है,जिसमे से एक किसान बृजलाल पिता छोटन ग्राम खैरी उम्र लगभग 80 वर्ष का सीमांकन आदेश 28 फरवरी 2022 को किया गया है और RI राजस्व निरीक्षक लक्ष्मि खलखो ने आदेश का 4 मार्च 2022 को रिसीव दिया है,,लेकिन आज दिनांक 20 मई 2022 तक सीमांकन नही किया गया है,कारण है कि राजस्व विभाग में बिना पैसा चढ़ावा का कोई काम नही होता हैं इसलिए आजतक सीमांकन नही हो पाया है, ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री का दौरा कार्यक्रम जिला सूरजपुर के क़ुदरगढ़ में हुआ था वहां भी कई किसान राजस्व विभाग का शिकायत मुख्यमंत्री से किया गया है जिसमे बृजलाल ,एवम सुमित्रा पति संतलाल दास ग्राम पंचायत केवरा घुचापारा उम्र 60 वर्ष का सीमांकन आदेश 4 फ़रवरी 2022 को जारी है जिसका RI ने रिसीव दिया है पर सीमांकन नही किया है भैयाथान तहसीलदार का आदेशो को राजस्व निरीक्षक कागज का टुकड़ा समझता है , जबकि प्रसासन में बैठने वाले जो भी अधिकारी, कर्मचारी हैं, ये सभी अपने नोकरी लगते समय भारतीय सविंधान प्रस्तावना एवम पब्लिक सर्विस का सपथ लेते है कि पूरी ईमानदारी से जनता का सेवा करूँगा ,,पर जनता का सेवा तो बहुत दूर है,, एक छोटा कर्मचारी एक बड़ा अधिकारी न्यायिक मजिस्ट्रेट का आदेशो का पालन तक नही कर रहा है,,चर्चा यह भी हैं RI राजस्व निरीक्षक लक्ष्मि खलखो भैयाथान का आमजनमानस,,किसानों जनप्रतिनिधियों के बीच वयवहार व रवैया बिल्कुल सही नही है,, इनके इस क्रियाकलापों से भैयाथान छेत्र के जनता में जनाक्रोश वयाप्त हैं, अब देखना यह हैं कि बृजलाल के आवेदन पर कलेक्टर सूरजपुर क्या कार्यवाही करते है आवेदन में यह भी उल्लेख है की कई हजारो रुपये का खलखो द्वारा मांग किया जाता हैं,, छत्तीसगढ़ सरकार के महत्वकांक्षी मनसा को पानी फेरने में उनके ब्लाक तहसील ईस्तर के कर्मचारी लगे हुए है,,जिससे मुख्यमंत्री भूपेश के दौरा कार्यक्रम वेयर्थ न चला जाये,,अभी कुछ दिन पहले ठीक इसी प्रकार का मामला प्रेमनगर,, श्रीनगर से प्रकाशित हुआ था,वहाँ भी भूमि बटवारा,नामांतरण, सीमांकन, जाती प्रमाण पत्र व अन्य काम के एवज में बड़ी रकम किसानों को चुकानी पड़ती हैं तभी फ़ाइल आगे बढ़ता है,,

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