नगर पंचायत प्रतापपुर वार्ड क्रमांक 4 में हो रहे नाली निर्माण में व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार देखा जा रहा है जिसको देखने और सुनने वाला कोई नहीं है 10 एमएम छड़ की जगह 8 एमएम क्षण का इस्तेमाल किया जा रहा है।

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प्रतापपुर विनोद कुमार जयसवाल–सूरजपुर जिले के नगर पंचायत प्रतापपुर में पुराने एवं अच्छे ठेकेदारों को डरा धमका कर उनको टेंडर में हिस्सा लेने लेने नहीं दिया जाता है या तो वह कोई कार्य किए हैं उसका भुगतान रोक के उनको सालों घुमाया जाता है जिससे उनका मन टूट चुका है और घटिया ठेकेदारों को कार्य देकर जैसे तैसे हो पैसे के बंदरबांट करने के नियत से घटिया निर्माण कार्य किया जा रहा है गुप्त टेंडर के द्वारा अपने चहेते ठेकेदारों को दो तीन ठेकेदारों को मिलाकर कार्य दे दिया जाता है जिससे कि कार्य की कोई गुणवत्ता रही नहीं जाती उनका जैसा मन कार्य कराया जा रहा है इंजीनियर से संज्ञान लेने पर इंजीनियर के द्वारा साइड में आने से भी मना किया गया और कहा गया कि अच्छा काम हो रहा है और 10 एमएम का लग रहा है जबकि 8 एमएम के ऊपर 6 इंच का 10 एम एम का छड ऊपर दिखाने के लिए लगा दिया गया है और नगर पंचायत अध्यक्ष से भी कार्य के विषय में पूछे जाने पर उनके द्वारा अच्छा कार्य होना बताया गया जिससे जिससे प्रतीत होता है कि हो रहे घटिया नाली निर्माण कार्य में उनका समर्थन प्राप्त है जिसे इंजीनियर का मन पढा हुआ है उसने साइड में आने से भी मना कर दिया कार्य को देखने से 4 तगाड़ी वालू ६ तगाडी गिट्टी और एक तगड़ी सीमेंट का उपयोग किया जा रहा है लगातार नगर पंचायत प्रतापपुर में आनन-फानन में कार्य किए जा रहे हैं नगर निगम ई को भी फोन लगाने पर उनके द्वारा फोन रिसीव नहीं किया गया जितने भी नगर पंचायत में कार्य हो रहे हैं या तो बिना टेंडर के हो रहे हैं या मनमानी तरीके से किए जा रहे हैं जिसको देखने और सुनने वाला कोई नहीं है प्रशासन कुंभकरण की नींद सो रहा है अब समय आ गया है कि शासन के पैसे का उचित उपयोग कराया जाए और जनता को जागरूक किया जाए वार्ड क्रमांक 4 के निवासीयो से बात करने पर बोला गया कि अगर इस घटिया निरमाण कार्य को तत्काल नहीं रोका गया तो उग्र आंदोलन नगर पंचायत के सामने किया जाएगा एवं पूर्व में भी नगर पंचायत प्रतापपुर के द्वारा नियम विरुध निम्न स्तर का निर्माण किया गया है जो 6 महीने भी नहीं टिक पाता है और सारे पैसे का बंदरबांट कर लिया जाता है किसी किसी वार्डों में कार्य आधा करके पूरा भुगतान करा लिया गया है जिसकी जांच होना अभी बाकी है नगर पंचायत के अधिकारी कर्मचारियों का उदासीन रवैया ठेकेदारों को लगातार शह दे रहा है अधिकारियों को बस अपने कमीशन से मतलब रह गया है बाकी निर्माण जैसा भी हो वह आंख मूंदे रहेंगे तभी खोलेंगे जब कमीशन लेना हो घटिया निर्माण कराने के लिए नगर पंचायत इंजीनियर पूर्ण रूप से जिम्मेदार होता है जिसकी जांच होना भी बाकी है अब देखना होगा जिला प्रशासन क्या मामले को संज्ञान में लेगी या इसी तरह के निर्माण कार्य चलता रहेगा।