आकाशीय बिजली गिरने से चार बेजुबान पशु की मौत, डॉक्टर की लापरवाही 38 घंटे से ज्यादा पड़ी रही लावारिस की तरह बॉडी देखे वीडियो।

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सूरजपुर:–जिला के प्रतापपुर ब्लॉक में ग्राम पंचायत रमकोला के ग्राम धुरिया में  दिनांक  30.3.2024 को  रात लगभग 9:00 बजे की एक गरीब आंधी तूफान आने के बाद आकाशीय बिजली गिरने से चार गाय की दर्दनाक मौत हो गई जिसकी सूचना मिलने के बाद  रामजीत जिसकी चारों गए थी उसने नजदीकी थाना रमकोला पुलिस को सूचित किया।चार बेजूवान की मोत जिम्मेदार बेख़ौफ़।

चार बेजूवान की मोत जिम्मेदार बेख़ौफ़।
https://youtu.be/TGiYzUqrc1Y

इसके बाद पुलिस में जाकर मौके पर जांच पड़ताल करके इसकी सूचना पशु चिकित्सा अधिकारी को देने के लिए लिखित में थाना रामकोला से रिसीविंग दिया जिसके बाद रामजीत और उसका लड़का हंसलाल रामकोला क्षेत्र में पशु अस्पताल गए लेकिन उनका कहना है  कि पशु चिकित्साला कभी खुलता ही नहीं और ना ही यहां कभी कोई डॉक्टर बैठता है बस एक चपरासी को डॉक्टर फोन करके सब काम करवाते हैं वहीं इसकी सूचना जब तहसीलदार को दिया गया और तहसीलदार ने कहा कि हम अभी पटवारी को भेज कर पंचनामा तैयार करवाते हैं तब पटवारी साहब के पास इतना समय नहीं था कि वह अपना काम जिम्मेदारी से करते वह किसी  गांव के आदमी को फोन करके मौके का पंचनामा तैयार करवाते हैं वही जब रामजीत के द्वारा सुबह रमकोला थाना पुलिस को सूचित किया गया था।

क्या बोलते हैं डॉक्टर मेम।


जब हमारी टीम को पता चला तो हमारे द्वारा जब डॉक्टर से फोन पर बात किया गया की इतना लेट क्यू हुआ तो डॉक्टर मेडम के द्वारा जवाब आया कि हमारे डरेक्टर सर सवाल जवाब या जानकारी लीजिए अब सोचने वाली बात है  राज्य सरकार ऐसे  चिकित्सा अधिकारी कर्मचारियों पर कार्रवाई क्यों नहीं करते एक बार रामकोला क्षेत्र में निरीक्षण किया जाए तो  स्वास्थ्य विभाग का असली चेहरा आएगा सामने

गाय मालीक घंटो करते रहे डॉक्टर का इंतजार।

लेकिन देखा जाए तो लगभग 38 घंटे बीत गए हैं और अभी तक रामजीत और उसका लड़का हंसलाल  डॉक्टर मैडम का इंतजार कर रहे हैं कि कब वह आए और पोस्टमार्टम करें लेकिन जब मैडम  फोन ही नहीं उठाएंगे तो रामजीत को कैसे पता चलेगा कि मैडम किस समय कहां है जो उनको कोई कागज दिया जाए क्योंकि फोन के माध्यम से तो अभी तक वह नहीं आई है वही लावारिस की तरह पड़ी चारों गाय की लाश उसे डॉक्टर का इंतजार कर रहे है कि कब वह आए और पोस्टमार्टम  करें इसके बाद गाय रखने वाला रामजीत उन चारों गाय के शव को दफनाएगा।

आखिरकार 39 घंटे बाद डॉक्टर मेम आई और हुआ पोस्टमार्टम।

जब डॉक्टर मेम से हमने बात किया और जनना चाहा  पोस्टमार्टम का टाइम ड्यूरेशन क्या रहता है तो उनका साफ कहना था 24 घंटे के अंदर में हमको पोस्टमार्टम करना रहता है लेकिन मैं अपने निजी कार्य को लेकर कहीं बाहर थी इसके कारण नहीं हो पाया बाकी जो जनना चाहते है हमारे आधिकारी से पूछ लिजिए

लम्बे इंतजार के बाद आखिरकार ग्रामीण की आंखों में दिखा खुशी।

लम्बे इंतजार के बाद आखिरकार ग्रामीण की आंखों में दिखी खुशी की रौनक और लंबे समय बीत जाने के बाद  हुआ पोस्टमार्टम।

ऐसे अधिकारियों पर क्या होगा कार्यवाही।

देखने वाला विषय होगा लेकिन इस पूरे मामले में देखा जाए तो जिम्मेदार अधिकारी जैसे पटवारी से लेकर पशु चिकित्सा अधिकारी तक इतनी बड़ी लापरवाही अपनी ड्यूटी निभाई जा रही है जो कि फोन आने के बाद और सूचना मिलने के बाद मौके पर नहीं जाते हैं उन्होंने अपने आगे असिस्टेंट रखे हुए हैं जो पटवारी बनाकर और नकली डॉक्टर बनकर जाकर अपना काम करते हैं अब देखना यह होगा की खबर चलने के बाद क्या ऐसे लापरवाही पूर्व काम करने वाले डॉक्टर और पटवारी के ऊपर कोई करवाई होती है कि या इनका कार्य ऐसे ही चलता रहेगा यह तो देखने वाली बात होगी