अम्बिकापुर। खुशबू यादव–जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अम्बिकापुर श्री आर.बी. घोरे के मार्गदर्शन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री अमित जिन्दल ने न्याय सदन अम्बिकापुर में शुक्रवार को आयोजित विधिक जागरूकता शिविर में यौनकर्मी तथा महिलाओं के अधिकारों के संबंध जानकारी दी।
उन्होंने शिविर में बताया कि उच्चतम न्यायालय के निर्णय क्रिमिनल अपील क्रमांक 135/2010, बुद्धदेव कर्मस्कर बनाम पश्चिम बंगाल राज्य में पारित निर्णय दिनांक 19.05.22 के अनुसार, कोई भी यौनकर्मी जो यौन उत्पीडन का विकार है, उसे सी.आर.पी.सी. की धारा 357-सी के अनुसार तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान की जायेगी। ऐसी दशा में वह प्राधिकरण की भी सहायता प्राप्त कर सकता है। जब कभी भी किसी वेश्यालय पर छापा मारा जाता है तो वैध कार्य की दशा में दंडित या परेशान नहीं किया जाना चाहिए। पुलिस कर्मियों को भी सम्मान पूर्वक व्यवहार करना चाहिए। छापे की दशा में यौनकर्मी की पहचान मीडिया पर शेयर न की जाये। यौनकर्मी के किसी भी बच्चे को मां से अलग नही किया जाना चाहिए।
कार्यशाला में डिप्टी कलेक्टर शिवानी जायसवाल, डिप्टी कलेक्टर श्री नीरज कौशिक, छत्तीसगढ़ प्रचार एवं विकास संस्थान के श्री कमलेश राजवाडे सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।