सरकार के द्वारा एस्मा लगाने पर कर्मचारी आक्रोशित
17 जुलाई को कर्मचारी करेंगे जेल भरो एवं उग्र आंदोलन

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सूरजपुर:–12 जुलाई 2023:छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के बैनर तले संविदाकर्मी 10 दिनों से अनिश्चितकालीन आंदोलन पर हैं। इस आंदोलन में राज्यभर के 45 हजार संविदा कर्मचारी शामिल हैं। यह आंदोलन पूरे प्रदेश में किया जा रहा है। बता दें कि, कर्मचारियों की नाराजगी कांग्रेस की ओर से नियमितीकरण का वादा पूरा नहीं करने की वजह से है। जिन विभागों के कर्मचारी हड़ताल पर गए हैं, उनमें स्वास्थ्य, मनरेगा, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, कृषि, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग, प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना, अन्य विभाग शामिल हैं, जिनमें कामकाज इस हड़ताल की वजह से प्रभावित हो रही हैं। बीते साढ़े 4 सालों से अलग-अलग समय पर कर्मचारी संगठन आंदोलन करते रहे हैं। कर्मचारी नेताओं ने आरोप लगाया है कि कई बार बातचीत की पहल करने के बावजूद प्रशासनिक अफसरों ने कोई चर्चा नहीं की और ना ही इनकी मांगों पर ध्यान दिया। मजबूर होकर अब अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान कर्मचारियों को करना पड़ा है।

हड़ताली कर्मचारियों पर लगाया गया एस्मा
सर्व संविदा कर्मचारियों के कार्यकारी जिला अध्यक्ष बृजलाल पटेल ने बताया कि हम सभी संविदा कर्मचारी अपनी जायज मांग को लेकर हडताल पर है मगर सरकार हमारी मांगों को लेकर न ही कोई संवाद कर रही है और न ही कोई ठोस निर्णय लिया जा रहा है। प्रवक्ता मनोज जायसवाल ने बताया कि, शासन की तरफ से प्रदर्शन-हड़ताल में शामिल स्वास्थ्य विभाग के संविदा नर्स, स्वास्थ्य कर्मी, एंबुलेंस सेवा के कर्मचारी को काम पर लौटने का आदेश जारी करते हुए उनपर एस्मा लागू कर दिया गया है। इस कदम से प्रदर्शनकारी काफी आक्रोशित है और आंदोलन उग्र करने की दी चेतावनी और बताया गया कि अगर किसी कर्मचारी पर कार्यवाही होती है तो हम सब 45 हजार कर्मचारी एक साथ है।

जल सत्याग्रह
सर्व संविदा कर्मचारियों के द्वारा आज प्रान्त स्तर पर एस्मा लगाने के विरोध में कई घंटों तक जल सत्याग्रह का किया गया आयोजन।
17 जुलाई को किया जाएगा जेल भरो आंदोलन के साथ-साथ उग्र आंदोलन
सर्व संविदा कर्मचारी संघ के जिला संयोजक ज्ञानेन्द्र सिंह ने बताया कि संविदा कर्मचारियों के पक्ष में कोई निर्णय नही होने पर एवं सरकार के द्वारा एस्मा लगाने से आक्रोशित 45 हजार संविदा कर्मचारी एक साथ 17 जुलाई को रायपुर में जेल भरो आंदोलन के साथ-साथ उग्र आंदोलन की दी चेतावनी। जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होंगी।