बिश्रामपुर:– अंतर्गत छत्तीसगढ़ ढाबा से लेकर गायत्री खदान मोड़ तक एसईसीएल परियोजना के द्वारा 21 करोड़ रुपए लागत से 22 किमी. की सड़क चौड़ीकरण का निर्माण कार्य कराया जाना है जिससे एसईसीएल परियोजना के द्वारा सड़क निर्माण की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी विभाग को सौंपी गई है जिसमें पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा ठेकेदार के द्वारा डामरीकरण व सड़क निर्माण कार्य, जिसमें ठेकेदार के द्वारा सड़क की चौड़ाई 7.5 मीटर व साइड सोल्डर न्युनतम 1.5 मीटर बनना बताया गया है, लेकिन निर्धारित मापदंड के अनुरूप कार्य नहीं होने से लोगों में ठेकेदार के प्रति आक्रोश व्याप्त है जानकारों ने बताया कि पीडब्ल्यूडी विभाग व ठेकेदार की लापरवाही के कारण करोड़ों रुपए की रोड भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी है। सड़क चौड़ीकरण कार्य में नियमों के साथ गुणवत्ता की अनदेखी की जा रही है।
सड़क चौड़ीकरण कार्य में किया जा रहे डामरीकरण कार्य में निर्धारित मात्रा से कम डामर का उपयोग किया जा रहा है। साथ ही निर्माण कार्य में नियमों की विपरीत गुणवत्ताहीन निर्माण सामग्रियों का प्रयोग किए जाने का भी आरोप लगाया जा रहा है। कोयला लोड बड़े-बड़े वाहनों के आवागमन से निर्माणाधीन सड़क बनते ही उखडती जा रही है। लोगों ने बताया कि करोड़ों रुपए की लागत से सड़क निर्माण एवं उन्नयन की कार्य में ठेकेदार द्वारा जमकर मनमानी बढ़ती जा रही है। सड़क निर्माण कार्य में सड़क पर जो डब्लू.एम.एम. की मिश्रण सामग्री को सड़क पर बिछाया जाना है। वह सामग्री डब्लू.एम.एम प्लांट से मिश्रण होकर नहीं आ रही है और इस सामग्री को सड़क पर ग्रेटर मशीन से बिछाया जा रहा है, जिससे सड़क की गुणवत्ता और मापदंड का पालन नहीं हो रहा है और सड़क गुणवत्ताविहीन घटिया निर्माण किया जा रहा है। जबकि ठेकेदार द्वारा एसईसीएल अधिकारियों के आंखों के सामने धड़ल्ले से शासन के नियमों निर्देशन, अनुबंध दोनों को दरकिनार कर करोड़ों रुपए की लागत से सड़क निर्माण कार्य किया जा रहा है। लोगों ने अभी बताया कि पीडब्ल्यूडी विभाग व एसईसीएल कंपनी के अधिकारियों की शह पर ठेकेदार कार्य कराया जा रहा है। लोगों ने बताया कि डब्लू.एम.एम. निर्माण सामग्री का उपयोग कर सड़क निर्माण कार्य नहीं किया गया है।सड़क निर्माण की कमियों को छुपाने के लिए सड़क के साइड शोल्डर में मुरुम की जगह मिट्टी ढककर सड़क की चौड़ाई पूर्ण दिखाई गई है।
सड़क निर्माण कार्य की सही गुणवत्ता एवं मापदंडों के तहत जांच हो तो सड़क निर्माण कार्य में कई कमियां सामने आएगी। पीडब्ल्यूडी विभाग व एसईसीएल अधिकारियों की शह पर ठेकेदार सड़क निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार की बलि चढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। उनके आदेश एवं निर्देशों का पालन सिर्फ कागजों तक सिमट कर रह गई है। जिससे सड़क निर्माण कार्य की गुणवत्ता की किसी प्रकार का कोई प्रश्नचिन्ह ना लगे और यह शासन के निर्देश भी है। मगर पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों व एसईसीएल के अधिकारियों से ठेकेदार के द्वारा सांठगांठ कर किसी प्रकार की कोई परेशानी ना हो इसलिए निर्माण कार्य की देखरेख करने वाले अधिकारी साइट पर जाते ही नहीं है। फोन के माध्यम से जानकारी देकर सड़क निर्माण कार्य किया जा रहा है।
एसईसीएल बिश्रामपुर क्षेत्र महाप्रबंधक अजय तिवारी ने बताया कि ठेकेदार के प्रति तत्काल जांच व एसईसीएल कंपनी के सिविल विभाग को सड़क चौड़ीकरण में किए जा रहे अनियमितता के प्रति सचेत व उनके संज्ञान में लाऊंगा ताकि सड़क की गुणवत्ता पर ध्यान दिया जा सके।
क्या कहते है नेता व जनप्रतिनिधि
निर्माणाधीन सड़क में पतली डामरीकरण किया जा रहा है जिससे यह सड़क जल्द ही उखड़ने लगेगी। दरअसल एसईसीएल व पीडब्ल्यूडी विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा सड़क निरीक्षण नहीं किए जाने से ठेकेदार अपनी मनमानी से काम कर रहा है। इससे नवनिर्मित सड़क पर खाली पैर को रगड़ने से डामर की परत निकलने लगी है। अधिकारियों को संज्ञान में लेते हुए गुणवत्तापूर्ण डामरीकरण कार्य कराना चाहिए ताकि अधिकारी हमें आंदोलन के लिए बाध्य ना होना पड़े। जाकेश राजवाड़े, एनएसयूआई प्रदेश सचिव, कांग्रेस पार्टी, छत्तीसगढ।
सड़क चौड़ीकरण कार्य में नियमों के साथ गुणवत्ता की अनदेखी की जा रही है और सड़क निर्माण में लापरवाही बरतने वाले ठेकेदार की शिकायत जिले के कलेक्टर से तत्काल करुंगी। पुष्पा सिंह, जनपद पंचायत अध्यक्ष सूरजपुर, छत्तीसगढ़।