प्रदेश के 3 शिक्षकों को मिलेगा राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार

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प्रदेश के 3 शिक्षकों को मिलेगा राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार

भोपाल

प्रदेश के 3 शिक्षकों को वर्ष 2024 का राष्ट्रीय शिक्षक अवार्ड मिला है। चयनित शिक्षकों को 5 सितम्बर शिक्षक दिवस के मौके पर नई दिल्ली में आयोजित समारोह में सम्मानित किया जायेगा। स्कूल शिक्षा विभाग के स्कूलों में कार्यरत माधव प्रसाद पटेल और डॉ. सुनीता गोधा को उनके उल्लेखनीय कार्य के लिये सम्मानित किया जायेगा। इसके अलावा डिण्डोरी जिले के जवाहर नवोदय विद्यालय धामनगांव की शिक्षिका श्रीमती सुनीता गुप्ता को भी सम्मानित किया जायेगा। डॉ. सुनीता गोधा उच्च माध्यमिक शिक्षक के पद पर मंदसौर जिले के शासकीय हाई स्कूल खजूरिया सारंग में पदस्थ हैं। डॉ. सुनीता ने सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से नव-प्रवेशित जरूरतमंद छात्राओं को गणवेश, स्कूल बैग, स्वेटर और कॉपी-पुस्तकें नि:शुल्क वितरित कीं। उन्होंने स्थानीय बोली में नुक्कड़ नाटक, संगीत, चित्रकला के माध्यम से सामाजिक जागरूकता लाने का कार्य अपने क्षेत्र में पिछले 25 वर्षों में किया है। डॉ. सुनीता राज्य आनंद संस्थान की राज्य मास्टर ट्रेनर भी हैं। उन्होंने अपने क्षेत्र में आनंदम गतिविधियों का भी आयोजन किया है। उन्होंने अपनी पद-स्थापना के दौरान शाला में श्रेष्ठ परीक्षा परिणाम दिये हैं। उन्हें पूर्व में भी राज्य स्तर पर सम्मानित किया जा चुका है।

माधव प्रसाद पटेल

माध्यमिक शिक्षक के रूप में कार्यरत माधव प्रसाद पटेल शासकीय नवीन माध्यमिक शाला लिधौरा विकासखण्ड बटियागढ़ जिला दमोह में पदस्थ हैं। इन्होंने विज्ञान शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिये विद्यालय में विज्ञान दीवार का निर्माण करवाया है, जिसमें विद्यार्थी अपनी जिज्ञासाओं का लेखन करते हैं एवं किसी भी प्रकार का प्रश्न होने पर उसे लिख देते हैं। शिक्षक द्वारा उसका समाधान किया जाता है। शिक्षक पटेल पुराने अखबारों के माध्यम से विद्यार्थियों को पढ़ाते हैं। वे अखबार में अपने छात्रों को संज्ञा, सर्वनाम, विरोधी शब्द खोजने के लिये कहते हैं। इस विधि से छात्रों के शब्द भण्डार में वृद्धि होती है। शिक्षक पटेल विद्यालय बंद होने पर अवकाश के दिवस या रविवार को मोटर साइकिल पर पुस्तकें बांध कर मोहल्ले-मोहल्ले जाते हैं। उनके ऐसा करने पर विद्यार्थियों में पुस्तकों के प्रति रुचि बढ़ी है। शिक्षक माधव पटेल ने अपने क्षेत्र के ग्रामों में लर्निंग बोर्ड बनवाये। उन्होंने पूर्व छात्रों को चिन्हित कर शैक्षिक गतिविधियों से जुड़ने के लिये प्रोत्साहित किया। शिक्षक पटेल ने दीवार लेखन के माध्यम से गणित एवं अंग्रेजी की अवधारणाओं को गाँव के प्रमुख स्थानों को चिन्हित कर लिखवाया। उन्होंने अपने क्षेत्र में खेत पाठशाला की भी शुरूआत की। अभिभावकों की कृषि पृष्ठभूमि होने के कारण उनके बच्चों को खेत और उसके आसपास ही पढ़ाने का प्रबंध किया।

 

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