राज्य सरकार निवेश और औद्योगिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

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भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने विश्व की पांचवी अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी पहचान बनाई है और मध्य प्रदेश भी विकास के पथ पर कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ रहा है। कृषि, औद्योगीकरण और रोजगार के क्षेत्र में निरंतर प्रगति हो रही है। हमारा यह मानना है कि प्रदेश में बड़े स्तर पर औद्योगिकरण की आवश्यकता है और इस दिशा में सार्थक व परिणाममूलक प्रयास जारी हैं। आज का भूमिपूजन भी इसी दिशा में एक कदम है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भोपाल के अचारपुरा क्षेत्र में औद्योगिक गतिविधियां लगातार बढ़ रही हैं। अत:  क्षेत्र में कर्मचारियों की सुरक्षा व पुलिस प्रबंधन की आवश्यकता को देखते हुए अचारपुरा क्षेत्र में पुलिस चौकी आरंभ की जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव टीडब्लूई-ओबीटी उद्योग समूह द्वारा स्थापित की जा रही विश्व स्तरीय हाइजीन नॉन वूवन यूनिट (बिना बुना फैब्रिक) के भोपाल के अचारपुरा औद्योगिक क्षेत्र में भूमि पूजन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

कोलकाता में 19 सितम्बर को होगी इंडस्ट्रियल समिट
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के सभी क्षेत्रों में औद्योगीकरण को प्रोत्साहित करने के लिए क्षेत्रीय स्तर पर इंडस्ट्री समिट का क्रम आरंभ किया गया। इसमें उज्जैन, जबलपुर में समिट आयोजित की जा चुकी हैं और ग्वालियर, रीवा, सागर आदि में इंडस्ट्रियल समिट का आयोजन शीघ्र ही होने जा रहा है। इससे प्रदेश के सभी भागों में निवेश आमंत्रित करने और औद्योगिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने में मदद मिल रही है। औद्योगिक गतिविधियों से अब तक रोजगार के लगभग 75 हजार अवसर सृजित हुए हैं। देश के उन्नतिशील और औद्योगिक गतिविधियों की दृष्टि से सम्पन्न क्षेत्रों जैसे मुम्बई, कोयम्बटूर और बेंगलोर आदि में भी इंडस्ट्रियल समिट आयोजित की गई हैं। इस क्रम में कोलकाता में भी 19 सितम्बर को इंडस्ट्रियल समिट का आयोजन होगा। इंडस्ट्रियल समिट के माध्यम से देश के बड़े निवेशकों और औद्योगिक गतिविधियों को विस्तार देने के इच्छुक उद्योगपतियों को मध्यप्रदेश आमंत्रित किया जा रहा है।

प्रदेश में कहीं भी श्रमिक हड़ताल की मानसिकता नहीं
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि निवेश और उद्योग के लिए सभी प्रकार की अनुकूलता मध्यप्रदेश में उपलब्ध है। प्रदेश में विनम्र, लगनशील, परिश्रमी और समर्पित मानव संसाधन उपलब्ध है। प्रदेश में कहीं भी श्रमिक हड़ताल की मानसिकता नहीं है। राजनैतिक नेतृत्व के साथ-साथ प्रशासकीय व्यवस्था भी उद्योगों के लिए अनुकूल है और उद्योग-मित्र नीति भी विद्यमान है। हमारा यह मानना है कि उद्योग केवल उद्योगपति के लिए नहीं होता अपितु जहां भी उद्योग लगेगा, वहाँ रोजगार के अवसर सृजित होंगे, राज्य सरकार को राजस्व मिलेगा और देश-दुनिया में हमारे राज्य की साख बनेगी। सरकार प्रदेश में निवेश आमंत्रित करने और औद्योगिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

प्रदेश में लगाएं रोजगार आधारित इकाईयां
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि टीडब्ल्यूई-ओबीटी उद्योग समूह द्वारा प्रदेश में नॉन वूवन फैब्रिक की यूनिट स्थापित करना सराहनीय पहल है। इसके देश में उत्पादन से अन्य देशों पर निर्भरता कम होगी और हमारी आत्मनिर्भरता बढ़ेगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह उद्योग समूह नॉन वूवन फैब्रिक की और भी यूनिट्स प्रदेश में स्थापित करेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने टीडब्ल्यूई-ओबीटी को कालीन निर्माण जैसी रोजगार आधारित इकाई भी मध्यप्रदेश में लगाने के लिए आमंत्रित किया।

कृषि के साथ-साथ औद्योगिक केन्द्र के रूप में भी पहचाना जाने लगा है बैरसिया क्षेत्र
भोपाल सांसद श्री आलोक शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियों का विस्तार हो रहा है। भोपाल का बैरसिया क्षेत्र जो अब तक केवल कृषि के लिए पहचाना जाता था, अब उसकी पहचान औद्योगिक केन्द्र के रूप में भी हो रही है। कार्यक्रम को बैरसिया विधायक श्री विष्णु खत्री ने भी संबोधित किया। उद्योग समूह के श्री योर्ग आर्टमियर और श्री रूद्रा चेटर्जी ने समूह की गतिविधियों की जानकारी दी।

उल्लेखनीय है कि टीडब्ल्यूई-ओबीटी प्राइवेट लिमिटेड लगभग 100 वर्ष पुराना बहुराष्ट्रीय संयुक्त उद्यम है, इसका मुख्यालय एम्सडेटेन-जर्मनी में और ओबीटी ग्रुप भारत में है। जो हस्त-निर्मित कालीन, नान वूवन फैब्रिक, टेक्निकल टैक्सटाइल फैब्रिक, फर्नीचर और चाय के क्षेत्र में कार्यरत है। नॉन वूवन निर्माण में यह समूह विश्व की शीर्ष सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है, जिसके 12 संयंत्र विभिन्न देशों में संचालित हैं। ओबीटी 126 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश से यह यूनिट स्थापित कर रहा है, जिसमें नॉन वोवन हाइजीन उत्पाद जैसे एडीएल, टॉप सीट और बैक सीट का उत्पादन होगा जो वर्तमान में चीन से आयात होते हैं। इस यूनिट के संचालन से इनका उत्पादन भारत में ही आरंभ होगा जो आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। औद्योगीकरण के लक्ष्य को समर्पित यह इकाई 250 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार उपलब्ध कराएगी, साथ ही स्थानीय व्यक्तियों में उच्च गुणवत्ता वाली तकनीकी कौशल के विकास का भी मार्ग प्रशस्त करेगी। यूनिट के लिए राज्य शासन ने भोपाल के अचारपुरा औद्योगिक क्षेत्र में 38 हजार वर्ग मीटर भूमि आवंटित की है। यूनिट से वाणिज्य उत्पादन सितंबर 2025 तक आरंभ होना संभावित है।

 

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