कोलकाता समिट में मिली बड़ी सफलता, लगभग 20 हजार करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव मिले : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

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भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि विकास के कारवां में सरकार को उद्योगपतियों के साथ बराबरी से चलना होगा। हम उद्योगपतियों के साथ सकारात्मक और सहयोगी दृष्टिकोण से कार्य के इच्छुक हैं। मध्यप्रदेश उद्योगपतियों का पलक पांवड़े बिछाकर स्वागत करता है। उन्होंने कहा कि युक्ति, बुद्धि, क्षमता, योग्यता में भारतीय विश्व में अग्रणी हैं, लेकिन उपलब्धियां अर्जित करने के लिए शासन की सकारात्मक सोच और अनुकूलता आवश्यक है। शासन के सभी अंगों में समन्वय, और सहयोगी वातावारण से ही परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं। मध्यप्रदेश में सभी औद्योगिक सेक्टर के लिए पर्याप्त संभावनाएं विद्यमान हैं। प्रदेश, कोयम्बटूर हो या कोलकाता, सभी क्षेत्रों के लोगों की उद्यमशीलता और सृजनशीलता को प्रदेश आमंत्रित करता है। राज्य सरकार हर संभव सहयोग और सहायता देने को तत्पर है। रेडीमेड गारमेंट, माइनिंग, ऊर्जा हो या पर्यटन का सेक्टर, सभी क्षेत्रों के मध्यम एवं भारी उद्योग प्रदेश में आमंत्रित हैं, राज्य सरकार की औद्योगिक नीतियां पर्याप्त लचीली और समावेशी हैं। राज्य सरकार खुले दिल से उद्योगों का स्वागत करने के लिए आतुर है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मध्यप्रदेश में निवेश की संभावनाओं पर कोलकाता में आयोजित रोड-शो और उद्योगपतियों व औद्योगिक संगठनों से चर्चा के सत्र को संबोधित कर रहे थे।

देश-विदेश के लगभग 700 डेलिगेट्स और कई देशों के कांसुलेट एवं प्रतिनिधि हुए शामिल
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कोलकाता के होटल जे.डब्ल्यू. मैरियट में दीप प्रज्ज्वलित कर समिट का शुभारंभ किया। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के सभी क्षेत्रों के संतुलित आर्थिक विकास के लिए राज्य के सभी अंचलों में निवेश व औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ाने के उद्देश्य से देश के बड़े औद्योगिक नगरों में रोड-शो द्वारा उद्योगपतियों से चर्चा के क्रम में कोलकाता में सत्र आयोजित किया गया। इस अवसर पर प्रेसीडेंट सीआईआई एवं आईटीसी समूह के अध्यक्ष व एमडी श्री संजीव पुरी, मध्यप्रदेश बिरला ग्रुप के एमडी व सीईओ श्री संदीप घोष, स्वरा हाइजीन प्रा.लि. के एमडी श्री आलोक बिरला, टाटा स्टील्स के एम.डी. श्री संदीप कुमार विशेष रूप से उपस्थित थे।

विभिन्न क्षेत्रों से 19 हजार 270 करोड़ रूपये के निवेश हुए प्राप्त
कोलकाता समिट में खाद्य प्र-संस्करण, रसायन, सीमेंट, स्टील, प्लास्टिक और नवकरणीय ऊर्जा सहित विभिन्न क्षेत्रों से 19 हजार 270 करोड़ रुपये के निवेश प्राप्त हुए, जिससे 9,450 रोज़गार के अवसर सृजित होंगे। शुभारंभ सत्र में मध्यप्रदेश में औद्योगिक विस्तार और निवेश लिए उपलब्ध अधोसंरचना, सुविधाओं व अन्य संभावनाओं पर केंद्रित लघु फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया। उद्योगपतियों और सरकार के बीच सीधे संवाद के इस महत्वपूर्ण मंच पर मध्यप्रदेश में निवेश के अवसरों को बढ़ावा देने और व्यापारिक संबंधों को प्रगाढ़ बनाने के उद्देश्य से देश-विदेश से आए लगभग 700 डेलिगेट्स और कई देशों के कांसुलेट एवं प्रतिनिधियों ने सहभागिता की।

मध्यप्रदेश में उपलब्ध अवसरों को पहचाने उद्योगपति और समय का करें सदुपयोग
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत की अर्थव्यवस्था ने 11वें स्थान से छलांग लगाकर विश्व में 5वें स्थान की अर्थव्यवस्था के रूप में स्वयं को स्थापित किया है। इस उपलब्धि के लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी का अभिनंदन है। प्रधानमंत्री श्री मोदी देश की अर्थव्यवस्था को विश्व की तीसरे नम्बर की अर्थ-व्यवस्था बनाने के लिए प्रयासरत हैं। मध्यप्रदेश भी प्रधानमंत्री श्री मोदी के इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये पूरी प्रतिबद्धता से प्रयासरत है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पश्चिम बंगाल के उद्योगपतियों को अपनी गतिविधियों का मध्यप्रदेश में विस्तार करने के लिये का आमंत्रण दिया। उन्होंने कहा कि वे अपनी प्रतिभा, क्षमता, योग्यता का उपयोग करते हुए औद्योगिक गतिविधियों के विस्तार के लिए मध्यप्रदेश में उपलब्ध अवसरों को पहचानें। हम सब समय का सदुपयोग करते हुए प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में स्वयं तथा देश की उन्नति के लिए अग्रसर हों। परस्पर सहयोग से उद्योगों, प्रदेश और देश को आगे बढ़ाने के लिए संकल्पित होकर प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ें।

भारतीय संस्कृति सुशासन के साथ आर्थिक समृद्धि को भी देती है महत्व
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कोलकाता महाकाली का नगर है और वे स्वयं महाकाल की नगरी उज्जैन से आते हैं। महाकाल और महाकाली से ही सृष्टि का सृजन है। कोलकाता पर ईश्वर की विशेष कृपा है, यहीं से स्वामी विवेकानंद ने भविष्यवाणी की थी कि 21वीं शताब्दी भारत की होगी और उनके गुरू स्वामी रामकृष्ण परमहंस ने मानव धर्म को समझते हुए भारत के गरीबों के जीवन में कर्म के आधार पर बदलाव लाने का संकल्प लेते हुए रामकृष्ण मिशन की स्थापना की थी। उन्होंने कहा कि सम्राट विक्रमादित्य सुशासन के लिए जाने जाते थे। दानशीलता, वीरता, न्यायप्रियता, पुरुषार्थ और पराक्रम सभी मानवोचित गुण उनमें विद्यमान थे। भारत में सुशासन के साथ आर्थिक समृद्धि की संकल्पना का भी महत्व है। जीवन में धन की महत्ता को स्वीकारते हुए ही वर्ष में एक बार दीवाली मनाई जाती है। सभी के जीवन में आनंद और उत्साह हो यह कामना करते हुए भारतीय संस्कृति "जियो और जीने दो" के सिद्धांत में विश्वास करती है। इसी आधार पर राज्य सरकार संपूर्ण प्रदेश के संतुलित आर्थिक विकास के लिए प्रतिबद्ध है। इसी उद्देश्य से क्षेत्रीय स्तर पर रीजनल इंडस्ट्री कांक्लेव का क्रम जारी है।

प्रदेश की औद्योगिक नीतियों, बुनियादी ढांचे व संसाधनों पर दिया गया प्रेजेंटेशन
प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश संवर्धन श्री राघवेंद्र सिंह ने प्रदेश की औद्योगिक नीतियों, बेहतर बुनियादी ढांचे, स्थिर प्रशासनिक समर्थन और निवेशकों को दिए जाने वाले प्रोत्साहनों पर प्रेजेंटेशन दिया। अपर मुख्य सचिव विज्ञान एवं तकनीकी श्री संजय दुबे ने प्रदेश में आई.टी., आईटीईएस और ईएसडीएम क्षेत्र में निवेश, प्रदेश की नीतियों और उपलब्ध संसाधनों पर प्रेजेंटेशन दिया। उद्योगपतियों और सरकार के बीच सीधे संवाद के इस महत्वपूर्ण मंच पर लघु, मध्यम उद्यम के क्षेत्र में निवेश, नीतियों तथा विशेष रूप से विकसित औद्योगिक क्षेत्रों के संबंध में विभाग के सचिव डॉ. नवनीत मोहन कोठारी ने जानकारी साझा की। प्रदेश को प्रमुख निवेश स्थल के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से राज्य के विविध पर्यटन स्वरूपों तथा निवेश अवसरों पर वीडियो फिल्म के प्रदर्शन के साथ ही एडीशनल एमडी, म.प्र. टुरिज्म बोर्ड सुश्री बिदिशा मुखर्जी ने प्रेजेंटेशन दिया। प्रदेश में उपलब्ध प्रचुर प्राकृतिक संसाधन, खनन एवं खनिज क्षेत्र में निवेश के अवसरों पर एमडी स्टेट माइनिंग कार्पोरेशन श्री अनुराग चौधरी ने भी प्रेजेंटेशन दिया।

मध्यप्रदेश में कार्यरत उद्योगपतियों ने साझा किए अपने अनुभव
अध्यक्ष, कनफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज तथा चेयरमेन और एमडी आईटीसी श्री संजीव पुरी ने उनके समूह द्वारा मध्यप्रदेश में संचालित औद्योगिक गतिविधियों संबंधी अपने अनुभव साझा किये। श्री पुरी ने मध्यप्रदेश की निवेश मित्र व समयानुकूल औद्योगिक नीतियों तथा उद्योग के साथ-साथ सामान्यजन के लिए भी प्रदेश के अनुकूल वातावरण की सराहना की। एमडी एवं सीईओ एमपी बिरला समूह के श्री संदीप घोष ने कहा कि उज्जैन के बड़नगर में शीघ्र ही 3500 करोड़ रुपए की लागत से सीमेंट इकाई स्थापित की जाएगी। श्री घोष ने कोलकाता से भोपाल और जबलपुर के लिए हवाई सेवा आरंभ करने की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि एमपी बिरला ग्रुप का सर्वाधिक निवेश मध्यप्रदेश में ही है।

स्वरा हाइजीन ने कोलकाता से इंदौर शिफ्ट किया अपना व्यवसाय
एमडी स्वरा हाइजीन प्रा.लि. के श्री आलोक बिरला ने कहा कि मध्यप्रदेश लैंड ऑफ़ अपोर्चुनिटीज के साथ ऑपरेशनल ईज़ और पीस की भूमि है। डायपर तथा अन्य हाइजीन प्रोडक्ट निर्माता उनकी कंपनी ने अपना समस्त व्यापार कोलकाता से इंदौर शिफ्ट कर लिया है। वर्ष 2017 में मध्यप्रदेश में 40 करोड़ का निवेश किया था, जो अब 500 करोड़ हो गया है। वे 37 एकड़ क्षेत्र में 300 करोड़ के निवेश से अपनी गतिविधियों को विस्तार दे रहे हैं। चेयरमेन कनफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज पश्चिम बंगाल क्षेत्र तथा एमडी टाटा स्टील्स डाउन स्ट्रीम के श्री संदीप कुमार ने कहा कि 700 से अधिक लोगों का रोड-शो और परिचर्चा-सत्र में भाग लेना उद्योग व्यापार जगत के लोगों की मध्यप्रदेश में निवेश के प्रति रुचि को दर्शाता है। 

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