मध्य प्रदेश में बिड़ला समूह करेगा 3,500 करोड़ रुपये का निवेश, उज्जैन में लगाएगा नया सीमेंट प्लांट

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 उज्जैन

एमपी बिड़ला समूह मध्य प्रदेश में 3,500 करोड़ रुपये की लागत से सीमेंट प्लांट की स्थापना करने जा रहा है। समूह के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ संदीप घोष ने शुक्रवार को बताया कि संयंत्र उज्जैन के बड़नगर में स्थापित किया जाएगा। वह पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में मध्य प्रदेश में निवेश के अवसरों को लेकर आयोजित इंटरेक्टिव सेशन को संबोधित कर रहे थे। प्रदेश के सतना और मैहर में समूह के दो सीमेंट संयंत्र पहले से संचालित हैं।

कोलकाता में हुए इस आयोजन के दौरान खाद्य प्रसंस्करण, रसायन, सीमेंट, स्टील, प्लास्टिक और नवीकरणीय ऊर्जा आदि क्षेत्रों में प्रदेश को 19,270 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए जिनसे कुल मिलाकर करीब 10,000 रोजगार तैयार होंगे। बड़े प्रस्तावकों में हिमाद्री केमिकल्स ने 5,425 करोड़ रुपये, श्याम मेटालिक्स ने 5,000 करोड़ रुपये और जुपिटर सोलर ने 2,500 करोड़ रुपये का निवेश करने की मंशा जताई है।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इंटरेक्टिव सेशन में पश्चिम बंगाल के उद्योगपतियों और औद्योगिक संगठनों को संबोधित करते हुए कहा, ‘मध्य प्रदेश सरकार उद्योगपतियों के स्वागत के लिए पूरी तरह तैयार है। आप अपने कारोबार को विस्तार देने के लिए मध्य प्रदेश आइए।’ उन्होंने कहा कि उद्योग और निवेश को बढ़ावा देने के लिए वह नीतिगत मोर्चे पर हर प्रकार का सहयोग करने के लिए तैयार हैं।

घोष ने यह भी कहा कि उनके कारोबारी समूह ने अगर देश के किसी राज्य में सबसे अधिक निवेश किया है तो वह मध्य प्रदेश है। उन्होंने कोलकाता से भोपाल और जबलपुर के लिए सीधी विमान सेवा शुरू किए जाने की जरूरत पर बल दिया।

 जियो और जीने दो पर विश्वास करते हैं

सीएम डॉ. यादव ने कहा कि GIS (ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट) मध्यप्रदेश में पहले एक ही शहर में होती थी। हमने इसे बदला। एमपी से कॉटन देशभर में जाता है। रेडीमेड गारमेंट की संभावना है। आपने कोयंबटूर में इंडस्ट्री लगाई है, तो एमपी में भी आमंत्रण देते हैं। माइनिंग सेक्टर, एनर्जी और टूरिज्म सेक्टर समेत सभी सेक्टर में सरकार सहयोग करने को तैयार है।

सीएम ने कहा कि कोलकाता प्रमुख व्यापारिक और वाणिज्यिक केंद्र है। मध्य प्रदेश भी खनिज संसाधनों और कृषि उत्पादन के लिए जाना जाता है। दोनों राज्यों के बीच कई उद्योगों, व्यापारिक संस्थानों और कृषि उत्पादों का लेन-देन होता है। मध्यप्रदेश के उत्पाद जैसे सोयाबीन, गेहूं और अन्य कृषि उत्पाद की पश्चिम बंगाल में मांग है, जबकि पश्चिम बंगाल के जूट, चाय और मछली उत्पाद मध्य प्रदेश में भी लोकप्रिय हैं।

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