पशुओं के लिए जिला में बनेगा रुग्णावास और मुक्तिधाम

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अम्बिकापुर 20 अप्रैल 2022/छत्तीसगढ़ गो सेवा आयोग के अध्यक्ष राजेश्री महंत रामसुंदर दास की अध्यक्षता मे बुधवार को कलेक्टोरेट सभाकक्ष में जिला पशु क्रूरता निवारण समिति की बैठक आयोजित की गई। महंत रामसुंदर दास ने रोगी एवं घायल पशुओं की उपचार और देख- भाल के लिए संभाग मुख्यालय अम्बिकापुर में एक पशु रुग्णावास और मृत पशुओं के अंतिम संस्कार हेतु मुक्तिधाम बनाने स्थल चिन्हांकित कर प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए।
महामण्डलेश्वर महंत श्री रामसुंदर दास ने कहा कि गौ माता ही विश्व की माता है, इनके संरक्षण और संवर्धन से ही सबका कल्याण होगा। आज समस्त जीव जंतुओं का संरक्षण और संवर्धन की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी में गो वंश भी शामिल है और इसके संरक्षण-संवर्धन के लिए सरकार  गोठान का निर्माण करा रही है। राज्य शासन ने गोधन न्याय योजना नामक एक क्रान्तिकारी योजना शुरू की है। इस योजना के तहत पशुपालकों से दो रुपये किलो में गोबर खरीदने वाला विश्व में एक मात्र राज्य छत्तीसगढ़ ही है। गोठानो में गोबर से कई उत्पाद महिला समूहों द्वारा बनाये जा रहे है। इसमे गोबर के दिये कि मांग विदेशों तक मे हैं। भारत मे गोबर को लक्ष्मी माना जाता है। घर भले ही आधुनिक तरीके से बना हो लेकिन आज भी  शुभ कार्य गोबर की लिपाई से होती है। उन्होंने कहा कि पशु क्रूरता अधिनियम के बारे में लोगो को जोर-शोर से जागरूक करने की आवश्कता है।
गो सेवा आयोग के सदस्य श्री चन्द्रशेखर त्रिपाठी ने गो तस्करी को एक गंभीर और विचारणीय मामला बताते हुए इस पर रोकथाम के उपाय करने की बात कही। उन्होंने कहा कि गो तस्कर पाड़ा बेचने के लाइसेन्स के आधार पर गो वंश की भी अन्य राज्यों में तस्करी करते है। परिवहन वाहनों में क्षमता से अधिक पशुओं  को क्रुरता पूर्वक भर दिए जाते हैं जससे कई पशु मर जाते है। आयोग के सदस्य श्री अटल बिहारी यादव ने कहा कि मैनपाट क्षेत्र में भी बड़ी संख्या में पशु पालक हैं और एक-एक पशु पालक के पास सैकड़ों पशु है। उन्होंने पशुओं के उपचार और देखभाल के लिए मैनपाट में एक उप जिला स्तरीय पशु औषधालय खोलने की  आवश्यकता बताई।
केलक्टर श्री संजीव कुमार झा ने कहा कि पशु व प्राणियों के सुरक्षा के लिए कई नियम व अधिनियम बने हैं लेकिन पशुओ के सुरक्षा पर अन्य प्राणियों की  अपेक्षा कम महत्व मिला है। कई लोग पशुओं पर क्रूरता को तमाशा के रूप में लेते हैं लेकिन प्रशासन के लिए यह एक संवेदनशील मामला है। उन्होंने कहा कि पशु क्रूरता पर ज्यादा ध्यान दिया जाय। संस्थागत ढांचा होना जरूरी है।
बैठक में पुलिस अधीक्षक श्री अमित तुकाराम काम्बले, जिला पंचायत सीईओ श्री विनय कुमार लंगेह, अपर कलेक्टर श्री एएल ध्रुव, सीएसपी श्री एसएस पैकरा, उप संचालक पशु चिकित्सा डॉ. नरेन्द्र सिंह,  जिला पशु क्रूरता समिति के उपाध्यक्ष श्री कुलदीप सिंह, सदस्य श्री कर्ता राम सहित अन्य सदस्य व अधिकारी उपस्थित थे।

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