रामानुजनगर में कमिश्नर ने ली विकासखंड स्तरीय समन्वय बैठकअधिक से अधिक जनता का हित हो सरकार की यही मंशा- कमिश्नरना राज्यसभा ना लोकसभा सबसे बड़ा ग्राम सभा- श्री चुरेन्द्र।

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सूरजपुर। विपिन चौधरी–सरगुजा कमिश्नर जीआर चुरेन्द्र ने जिले के रामानुजनगर सामुदायिक भवन में विकास खंड के जनप्रतिनिधि, डीडीसी, बीडीसी, सरपंच और पंच की समीक्षा बैठक लेकर सुशासन पंचायती राज व्यवस्था सुदृढ़ीकरण ग्राम स्वराज, ग्राम सुराज की परिकल्पना को साकार करने एवं राज्य शासन की योजनाओं का लाभ लेने विभाग के अधिकारियों द्वारा विस्तार से जानकारी दी गई। कमिश्नर ने स्थानीय प्रतिनिधियों के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ महात्मा गांधी जी के छाया चित्र पर पुष्प अर्पित एवं दीप प्रज्वलित कर किया। तत्पश्चात् अरपा पैरी के धार राजगीत गायन किया। उन्होने समन्वय बैठक में बताया कि विकासखंड स्तरीय समन्वय बैठक की शुरुआत दुर्ग संभाग से की थी। उसके बाद जगदलपुर संभाग के आधे जिले कवर हो पाये थे और ये तीसरा सरगुजा संभाग है जहां आप सब के साथ मिलकर आज हम समन्वय बैठक सम्पन्न करने जा रहे है। इस बैठक की मूल मंशा यह है कि आजादी से लेकर अब तक हमारे गावं या शहर में रहने वाले लोग ब्लाक लेबल, ग्राम लेबल लोकतंत्र की व्यवस्था में त्रि-स्तरीय पंचायती राज के तहत जिला पंचायत बॉडी के समस्त तथा शासन, प्रशासन में काम करने वाले अधिकारी, कर्मचारी जब महात्मा गांधी जी की ग्राम स्वराज की कल्पना करते हुए शासन की योजनाओं को लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे। लेकिन शासन की योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक नहीं पहंुच पाता इसका प्रमुख कारण विकासखंड स्तर पर समन्वय की कमी है।

उन्होंने कहा कि सभी क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को क्षेत्र में जाने से पहले कार्य योजना बनाएं एवं संबंधित सीईओ तथा विभाग के अधिकारियों को जानकारी दें तथा अधिकारियों व प्रतिनिधियों के बीच आपस में तालमेल बनाएं जिससे बेहतर कार्य किया जा सके एक स्वास्थ्य परंपरा की आदत डालने प्रोत्साहित किया। उन्होंने अधिकारी, कर्मचारियों को मुख्यालय में निवास कर बेहतर कार्य करने निर्देशित किया। उन्होने कहा जल-जंगल जमीन राष्ट्रीय संपदा है उस पर सभी का समान अधिकार है। शासकीय जमीन एवं ग्रामीण सीमा से लगे जंगलो से लगे पेड़ न कटे इस पर विशेष ध्यान देने की जरुरत है। जल स्तर बढ़ाने हेतु डबरी, तालाब का निर्माण एवं चेक डेम सिंचाई के लिए बांध का पानी इतना उपयोग करना है इसका निर्धारत ग्राम सभा तय करेगा। उन्होने गांव के आस-पास लेंटाना (पुटुश) की झाड़ जहां बढ़ते है वहां कोई दूसरा पौधा उग नहीं पाता। ऐसे स्थानों को चिन्हांकित कर वन महोत्सव के माध्यम से वृहद वृक्षारोपण इस वर्ष किया जाना है। इसके लिए सबसे उचित स्थान शासकीय भवन, परिसर, कार्यालय संभवतः उचित रहेंगे। मनरेगा से बने डबरी, तालाब में मछली पालन हो। उन्होने समस्त अधिकारी को अग्रिम मासिक दौरा बनाने एवं मासिक लिस्ट तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने अपने-अपने ग्राम पंचायतों को मजबूत करने के लिए सहयोग प्रदान करने के लिए आग्रह किया। उन्होंने कहा कि लोगों की मूलभूत आवश्यकताओं को गंभीरता से सुने और उनका समाधान भी करते जाएं आपसी समन्वय से गांव के विकास कार्य में सहभागी बने। गांव का विकास होगा तो लोगों को रोजगार मिलेगा आर्थिक रूप से लोग मजबूत बनेंगे। उन्होंने अधिकारियों प्रतिनिधियों को कर्मठता, संवेदनशीलता के साथ सेवा करने कहा क्योंकि मानव सेवा ही सच्ची धर्म है सोच लेकर कार्य करना है। उन्होंने उपस्थित सभी प्रतिनिधियों को सरकार की व्यवस्थाओं में योगदान देकर अपना गांव अपना राज के तहत बेहतर कार्य कर सुशासन, ग्राम स्वराज, ग्राम स्वराज एक पहल के तहत कार्य करना सुनिश्चित करना होगा। आर्थिक एवं सामाजिक आजादी को प्राप्त कर सकेंगे। कमिश्नर ने गांव की स्व सहायता समूह की महिलाओं को गोठान में विभिन्न गतिविधियों करने के लिए साथ ही चारागाह, बाड़ी विकास, मछली पालन से अतिरिक्त आमदनी अर्जित करने की उपयोगिता के बारे में जानकारी दी गई है। उन्होंने गोठान में मछली पालन के ज्यादा से ज्यादा तालाब निर्माण कराने पर जोर दिया। साथ ही जल संरक्षण और संवर्धन के ग्राम पंचायतों में विशेष प्रयास करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि आज का पीढ़ी नया शौक की ओर आगे बढ़ रहा है जिससे आर्थिक बोझ बढ़ रहा है इससे हमें बचने तथा नियंत्रण करने की आवश्यकता है जिससे परिवार में सुख शांति का वातावरण निर्मित हो सके और हम विकास की ओर अग्रसर होंगे। विकासखंड स्तरीय समन्वय बैठक में जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री नरेश राजवाडे़, जिला सदस्य श्रीमती उषा सिंह, जनपद अध्यक्ष श्रीमती माया सिंह, प्रदेश सचिव इस्माइल खान, पुलिस अधीक्षक श्री रामकृष्ण साहू, एसडीएम श्री रवि सिंह, तहसीलदार कुशवाहा, जनपद सीईओ उत्तम प्रसाद रजक, डीईओ, मत्स्य अधिकारी अन्य जिला अधिकारी सहित ग्राम पंचायत के पदाधिकारी एवं विभिन्न विभागों के अधिकारी, कर्मचारी तथा सरपंच, पंच, पटवारी, सचिव, पटेल, समाज प्रमुख, कोटवार तथा बड़ी संख्या में ग्रामीण जन उपस्थित थे।

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