एक्टिविस्ट प्रोफ़ेसर अकिल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सरगुज़ा संभाग सहित प्रदेश स्तर के लिए रखी 10 सूत्रीय माँग।

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छत्तीसगढ़/अंबिकापुर:–सामाजिक कार्यकर्ता अकिल अहमद ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को पत्र लिखकर सरगुजा संभाग की शिक्षा, स्वास्थ्य तथा क़ानून व्यवस्था को लेकर 10 सूत्रीय माँगें रखीं हैं जिनमें मुख्य तौर पर आम आदमी को होने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए ठोस पहल सहित सुशासन के लिए सुझाव प्रमुखता से सम्मिलित हैं।



अक़िल ने बताया कि पूर्व की कांग्रेस सरकार में पूर्व मुख्यमंत्री ने निःसंदेह शिक्षा एवं चिकित्सा के क्षेत्र में अच्छी पहल करने के प्रयास किए परंतु कांग्रेस की कथित ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री वाली जद्दोजहद से सरगुजा ना केवल घोर उपेक्षा का शिकार हुआ बल्कि सुस्त प्रशासनिक पकड़ के कारण यह भ्रष्ट शासकीय अधिकारियों के लिए चारागाह बना हुआ है, सरकार बदलने के बाद भी स्थिति वैसी ही है।

एस.डी.एम. स्तर के अधिकारी खुलेआम रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा रहे हैं, भू-माफियाओं ने फिर से आतंक मचाना शुरू कर दिया है. चूँकि सरकार अब तक चुनावी मोड में थी अतः हमने भी प्रतीक्षा किया परंतु अब सरकार से सर्वप्रथम जायज़ माँगे रखीं हैं यदि पूर्व सरकार की भाँति ही यह सरकार भी सरगुजा की उपेक्षा करती है तो विधि सम्मत एवं संवैधानिक अधिकारों का उपयोग करते हुए बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा. पूर्व की कांग्रेस सरकार में पुलिस की बर्बरता हमने देखा है स्थानीय लखनपुर थाने के कुन्नी चौकी में वर्दी में पुलिस, नाबालिग बच्ची को अपनी हवस का शिकार बनाता पाया गया, अंबिकापुर थाने का पंकज बेक कस्टोडियल डेथ मामला आज भी इंसाफ़ की आस में है, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री के कार्यकाल में तो मेडिकल कॉलेज अस्पताल बदनाम था ही मेडिकल माफिया वर्तमान में पहले से भी ज़्यादा सक्रिय हो गए हैं, स्कूली शिक्षा की हालत ख़राब है, महाविद्यालयों की स्थिति चिंताजनक है, अधिकारी घमंड से चूर हैं अतः वर्तमान सरकार से पहले अपील उसके बाद आंदोलन करने का निर्णय लिया गया है।


अकिल ने आगे बताया कि सरगुजा सहित पूरे प्रदेश स्तर में इन मांगों को सोशल मीडिया के माध्यम से जनसमर्थन तो मिल ही रहा है, आम आदमी पार्टी के प्रदेश संगठन मंत्री एवं प्रदेश के उत्तरी जोन के प्रभारी राजेंद्र बहादुर सिंह ने उक्त मांगों को समर्थन दिया है, इसके अतिरिक्त जन अधिकार परिषद सहित अन्य सामाजिक संस्थाओं एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी उक्त मांगों का समर्थन किया है हमें विश्वास है कि वर्तमान सरकार गंभीरता से उक्त मंगों पर विचार करेगी एवं वर्षों से पीछड़े और उपेक्षित सरगुजा के साथ अवश्य न्याय होगा।